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Smart kheti: फसलों का उत्पादन कम हो रहा है! वजह खराब बीज या पानी की कमी नही, बल्कि ये है समस्या, समय रहते पहचान ले, नही तो पड़ेगा पछताना

Smart kheti: फसलों का उत्पादन कम हो रहा है! वजह खराब बीज या पानी की कमी नही, बल्कि ये है समस्या, समय रहते पहचान ले, नही तो पड़ेगा पछताना

किसान अपने खेती से अधिक उत्पादन लेने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ते, फसलों को समय पर बीज, खाद, उर्वरक और पानी उपलब्ध करवाते हैं। लेकिन कई बार फसलों का उत्पादन इतना कम होता है कि किसान निराश हो जाते हैं। क्योंकि उन्हें अपनी फसलों से उतना मुनाफा नहीं मिल पाता जितने की वह उम्मीद लगाए बैठे होते हैं। खेतों में उपजाऊ मिट्टी ही फसलों की गुणवत्ता और उत्पादकता का आधार है। हालांकि, रासायनिक खादों और कीटनाशकों के अंधाधुंध प्रयोग के कारण मिट्टी की उर्वरता में गिरावट आ रही है। ऐसे में मिट्टी की सही देखभाल और उर्वरता सुधारने के उपायों को अपनाना आवश्यक है।

मिट्टी की गुणवत्ता में कमी के कारण
रसायनों और कीटनाशकों का अधिक उपयोग का उपयोग

रासायनिक खादों और कीटनाशकों
का अत्यधिक उपयोग मिट्टी की प्राकृतिक संरचना और पोषक तत्वों को नुकसान पहुंचाता है।

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अंधाधुंध रसायनिक खाद का प्रयोग

अधिक उत्पादन के लालच में अधिक रसायन डालने से मिट्टी की प्राकृतिक उर्वरता में कमी आ जाती है।

सूक्ष्म जीवों की मौत

कीटनाशक और रसायनों के प्रभाव से मिट्टी के महत्वपूर्ण सूक्ष्म जीव मर जाते हैं, जिससे उर्वरता प्रभावित होती है।

मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के उपाय

मिट्टी की जांच

मिट्टी की गुणवत्ता को सुधारने के लिए सबसे पहला कदम है उसकी जांच कराना। इससे आप जान सकते हैं कि मिट्टी में कौन से पोषक तत्व कम हैं और कौन से अधिक। स्थानीय कृषि विभाग या प्रयोगशालाओं में जांच करवा सकते हैं और विशेषज्ञ से सलाह ले सकते हैं।

जैविक खाद का उपयोग

गोबर की खाद, वर्मी कम्पोस्ट, और हरी खाद जैसे जैविक खादों का उपयोग मिट्टी की संरचना और पोषक तत्वों को सुधारता है। जैविक खाद का सही मात्रा में उपयोग करने से मिट्टी प्राकृतिक रूप से समृद्ध होती है।

उर्वरक प्रबंधन

उर्वरक का सही मात्रा में और सही समय पर उपयोग करना आवश्यक है। उचित उर्वरक प्रबंधन से मिट्टी की गुणवत्ता को 40 से 50% तक बचाया जा सकता है।

दलहनी पौधों और हरी घास का समावेश

दलहनी पौधों की खेती से मिट्टी में नाइट्रोजन की मात्रा बढ़ती है। मूंग जैसी हरी घास को खेत में दबाकर भी मिट्टी की उर्वरता बढ़ाई जा सकती है। दलहनी पौधों के लाभ जानें।

फसल चक्र और अंतर फसल

फसल चक्र और अंतर फसल तकनीकों को अपनाने से मिट्टी की गुणवत्ता में सुधार होता है। फसल चक्र में अलग-अलग समय पर फसलें उगाना और अंतर फसल में विभिन्न फसलों को एक साथ उगाना लाभकारी है।

पराली और फसल अवशेष प्रबंधन

फसल अवशेषों को जलाने के बजाय, इन्हें मिट्टी में दबा दें। इससे अवशेष सड़कर खाद बनते हैं और मिट्टी की उर्वरता बढ़ाते हैं।

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